सोमवार को दिल्ली और NCR में एयरटेल ग्राहकों को करीब 3:30 बजे से शाम 7 बजे तक कॉलिंग समस्या का सामना करना पड़ा। लाखों यूज़र्स प्रभावित हुए और कंपनी ने तकनीकी गड़बड़ी को हल करने के लिए इंजीनियर तैनात किए। यह इस साल दूसरी बड़ी आउटेज है।

एयरटेल यूज़र्स को घंटों कॉल डाउनटाइम का सामना, NCR में सेवा रही प्रभावित
नई दिल्ली: सोमवार को दिल्ली और नेशनल कैपिटल रीजन (NCR) के लाखों एयरटेल ग्राहकों को कई घंटों तक कॉलिंग समस्या का सामना करना पड़ा। दोपहर करीब 3:30 बजे से शुरू हुई यह दिक्कत शाम तक बनी रही, जिससे उपभोक्ता न तो आसानी से कॉल कर पा रहे थे और न ही कॉल रिसीव कर पा रहे थे।
कंपनी की ओर से शाम करीब 5 बजे एक आधिकारिक बयान जारी किया गया, जिसमें कहा गया कि इंजीनियरिंग टीम समस्या को हल करने में जुटी हुई है। “दिल्ली-एनसीआर में हमारे कुछ ग्राहकों को वॉइस कॉलिंग में परेशानी हो रही है। एक बड़े हिस्से की समस्या का समाधान किया जा चुका है और बाकी पर काम जारी है। हमें हुई असुविधा के लिए खेद है,” एयरटेल प्रवक्ता ने कहा।
कब तक रहा असर?
ग्राहकों की परेशानी लगभग 3:30 बजे से शुरू हुई और करीब 7 बजे के आसपास धीरे-धीरे सेवाएँ सामान्य होने लगीं। कई यूज़र्स ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर कंपनी को टैग करते हुए अपनी नाराज़गी जताई। कुछ ने लिखा कि उन्हें जरूरी ऑफिस कॉल्स मिस करनी पड़ीं, तो कुछ ने यह भी कहा कि डेटा सेवाएँ चल रही थीं लेकिन कॉलिंग पूरी तरह ठप हो गई थी।
NCR में बड़ा असर
दिल्ली-एनसीआर जैसे बिज़नेस हब में कॉलिंग सेवा का बंद होना बड़ी संख्या में लोगों को प्रभावित करता है। ट्राई (Telecom Regulatory Authority of India) के जून 2025 के आँकड़ों के मुताबिक, केवल दिल्ली सर्कल में एयरटेल के 1.9 करोड़ से ज़्यादा सब्सक्राइबर्स हैं। ऐसे में कुछ घंटों की आउटेज भी लाखों लोगों की दिनचर्या पर असर डाल देती है।
इस साल दूसरी बड़ी गड़बड़ी
गौर करने वाली बात यह है कि यह 2025 में एयरटेल ग्राहकों के लिए दूसरी बड़ी आउटेज रही। इससे पहले 16 मई को तमिलनाडु और केरल सर्कल के उपभोक्ताओं को कॉलिंग और नेटवर्क डाउनटाइम का सामना करना पड़ा था। उस समय कंपनी ने जानकारी दी थी कि समस्या “नोड फेल्योर” के कारण हुई थी, जिसे कुछ घंटों में ठीक कर लिया गया था।
NCR में पहले भी हुई समस्या
दिल्ली-एनसीआर के ग्राहकों ने भी इस साल अप्रैल में नेटवर्क दिक्कत झेली थी। 18 अप्रैल की रात को एक घंटे से ज्यादा समय तक सेवाएँ बाधित रही थीं। यह घटना आधी रात के बाद हुई थी, जिससे देर रात कॉलिंग करने वाले ग्राहकों को परेशानी उठानी पड़ी थी।
सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाएँ
जैसे ही नेटवर्क में दिक्कत शुरू हुई, ट्विटर (अब एक्स) और अन्य प्लेटफॉर्म्स पर #AirtelDown जैसे हैशटैग ट्रेंड करने लगे। कई यूज़र्स ने शिकायत की कि उन्हें जरूरी मीटिंग्स और पारिवारिक कॉल्स मिस करने पड़े। वहीं, कुछ लोगों ने मज़ाकिया अंदाज में कहा कि “कॉल तो नहीं हो रही, लेकिन डेटा चल रहा है, इसलिए शिकायत करने का मौका मिल रहा है।”

कंपनी की स्थिति
टेलीकॉम इंडस्ट्री में एयरटेल को भरोसेमंद सेवा प्रदाता माना जाता है, लेकिन हाल के महीनों में बार-बार हो रही इन आउटेज घटनाओं ने सवाल खड़े किए हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि नेटवर्क की बढ़ती मांग और तकनीकी जटिलताओं के चलते ऐसी समस्याएँ सामने आती हैं।
कंपनी के लिए सबसे बड़ी चुनौती है ग्राहकों का भरोसा बनाए रखना। खासकर NCR जैसे संवेदनशील क्षेत्र में, जहाँ कॉर्पोरेट, स्टार्टअप्स और सरकारी संस्थानों की गतिविधियाँ निर्बाध कनेक्टिविटी पर निर्भर करती हैं।
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आगे की संभावना
उद्योग विशेषज्ञ कहते हैं कि इस तरह की समस्याओं को पूरी तरह टालना मुश्किल है, लेकिन अगर कंपनियाँ समय रहते पारदर्शी संचार और तेज़ प्रतिक्रिया दें, तो ग्राहकों की असुविधा कम हो सकती है। एयरटेल ने इस बार भी कुछ ही घंटों में समस्या को ठीक कर लिया, लेकिन बार-बार आउटेज होना चिंता का विषय है।
नतीजा
सोमवार की इस आउटेज ने एक बार फिर याद दिलाया कि आधुनिक जीवन में नेटवर्क सेवा कितनी अहम हो चुकी है। कॉलिंग से लेकर कामकाज और व्यक्तिगत बातचीत तक, सब कुछ मोबाइल नेटवर्क पर टिका है। NCR जैसे क्षेत्र में, जहाँ हर मिनट मायने रखता है, कुछ घंटों की गड़बड़ी भी लोगों के काम और निजी जीवन पर बड़ा असर डाल सकती है।
कंपनी ने भरोसा दिलाया है कि भविष्य में ऐसी समस्याओं से बचने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएँगे। लेकिन ग्राहकों की नज़र अब इस पर रहेगी कि वाकई आने वाले महीनों में सेवा कितनी स्थिर रहती है।